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भूमिहार कि जाति

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भूमिहार ब्राह्मण के गोत्र और उपजाति (Bhumihar Gotra and Types) भूमिहार जाती के गोत्र और किस्म की सम्पूर्ण जानकारी- हिन्दू में गोत्र वैवाहिक गठजोड़ तय करने का आधार  रहा  है। सजाति प्रजनन से बचने के लिए, एक ही गोत्र के व्यक्तियों को शादी करने से मनाही है। गोत्र उन लोगों के समूह को कहते हैं जिनका वंश एक मूल पुरुष पूर्वज (ऋषि-मुनि) से अटूट क्रम में जुड़ा है। भूमिहार या बाभन (अयाचक ब्राह्मण) एक ऐसी सवर्ण जाति है जो अपने शौर्य, पराक्रम एवं बुद्धिमत्ता के लिये जानी जाती है। भूमिहार ब्राह्मणों में कुछ महत्वपूर्ण गोत्र तथा किस्म हैं: गौतम  - पिपरामिश्र, गोतामीया, दात्त्यायण, वात्सयायन, करमैसुरौरे, बद्रामिया. शांडिल्य  - दिघ्वैत, कुसुमतिवारी, कोरांच, नैन्जोरा, रामियापाण्डेय, चिकसौरिया, करमाहे, ब्रहम्पुरिया, सिहोगिया आदि. वसिष्ठ  - कस्तुआर, दरवलिया और मरजाणीमिश्र. कश्यप  - जैथरिया, किनवर, नोंहुलिया, बरुआर, दानस्वर कुधुनिया, ततीहा, कोल्हा, करेमुआ, भूपाली, जिझौतिया, त्रिफला पांडेय, सहस्नामे, दिक्षित, बबनडीहा, मौआर और धौलोनी आदि. भार्गव  - भ्रीगू, कोठा भारद्वाज, आस्...

आँखों से नफरत हटाए

 बाभनो का इतिहास और संघर्ष अगर कोई दूसरी जाति के लोग पढ़े तब उन्हें एहसास होगा कि सनातन संस्कृति और परंपरा के लिए कितनी कुर्बानी दी है और साथ में बाभनो द्वारा किये गये सामाजिक कार्य एवं न्याय जानने के बाद उन्हें बाभनो के प्रति जो दुर्भावना बनी हुई है वो दुर हो जायेगी।                  🙏🙏जय जय श्री परशुराम🙏🙏

सनातन धर्म रक्षक

 🚩 20 दिसम्बर से ले के 27 दिसम्बर तक। इन्ही सात दिनों में गुरु गोबिंद सिंह जी का पूरा परिवार बलिदान  हो गया था । इधर हिन्दुस्तान Christmas के जश्न में डूबा एक दूसरे को बधाइयां देता है। एक वह वक्त भी था जब पंजाब में ये सात दिन हर परिवार जमीन पर सोता था। क्योंकि माता गूजरी ने ये रातें, दोनों छोटे बच्चो के साथ सरहिन्द के किले में , ठंडी बुर्ज में गुजारी थी -खाली फर्श पर। जब वो नवाब वजीर खां की गिरफ्त में थीं। यह सात दिन भारत के इतिहास में शोक का सप्ताह होता है,उत्सव का नही। आज पंजाब समेत पूरा हिन्दुस्तान जश्न में डूब जाता है। गुरु गोबिंद सिंह जी के बलिदान को इस अहसान फरामोश मुल्क ने सिर्फ 300 साल में भुला दिया।  जो सभ्यता अपना इतिहास , अपने नायकों के बलिदान को भूल जाती हैं वो खुद विस्मृत इतिहास बन जाती है। यह वक्त कोरल संगीत का नही.. बलिदानी गुरु के शोक और स्मृति में डूबने का है। #यह बलिदान सिर्फ सनातन और हिंदुओं की रक्षा के लिए था पर आज सभी सनातनी इस बलिदान को भूलकर "Happy Christmas" करने में लगा है। सत्य सनातन जिंदाबाद!जय जय श्री परशुराम 

सुप्रभात

 🙏सशड़्खचक्रं सकिरीटकुण्डलं सपीतवस्त्रं सरसीरुहेक्षणम्। सहारवक्षःस्थलकौस्तुभश्रियं नाममि विष्णुं शिरसाचतुर्भुजम🙏 🙏मङ्गलं भगवान विष्णु, मङ्गलं गरुड़ध्वज मङ्गलं पुंडरीकाक्ष:, मांगल्ये तनो हरि🙏    🙏शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम्! प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये🙏 💐ॐ क्लीं विष्णवे नम:💐 🙏ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:🙏 🙏श्रीमन्न नारायण नारायण हरि हरि🙏 🙏ऊँ हूँ विष्णवे नम:🙏 🙏जय श्री विष्णु हरि🙏 🙏जय श्री नारायण हरि 🙏 🙏जय श्री सत्यनारायण हरि🙏  🙏जय श्री विष्णु नारायण🙏  🙏जय श्री लक्ष्मीनारायण🙏  🙏जय श्री ब्रम्ह नारायण🙏  🙏जय श्री शिव नारायण🙏  🙏जय श्री हरि नारायण🙏  🙏जय श्री वंकटेश नारायण🙏  🙏जय श्री लक्ष्मीपति बालाजी🙏  🙏जय श्री सीताराम🙏  🙏जय श्री राधे कृष्ण🙏  🙏जय श्री हरि 🙏 🙏जय श्री नारायण🙏  🙏जय श्री विष्णु🙏  🙏जय श्री बालाजी🙏  🙏जय श्री परशुराम🙏  🙏जय श्री राम 🙏 🙏जय श्री कृष्ण🙏   🔴श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा🔴  🙏🌹भगवान ...

अपना सोच

 *बच्चे भगवान के रूप हैं,*  *उन्हें जोकर नहीं बनायें।।* *नौबतपुर एवं लख क्षेत्र के विद्यालयों में तुलसी पौधा वितरण किया गया।* 25 दिसम्बर को सभी विद्यालय अपने बच्चे को तुलसी पूजन दिवस मनाने के लिए प्रेरित करें। इसी संदर्भ में आज नौबतपुर और नौबतपुर लख के क्षेत्र के तमाम विद्यालयों में संपर्क अभियान चलाया गया। हिन्दू धर्म रक्षक संगठन के तत्वावधान में अपने आसपास के क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तरह फ़ैल रही ईसाई धर्मान्तरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए संगठन की ओर से एक पहल की गयी है। आज जहाँ स्कूल अपने बच्चों को 25 दिसंबर को जोकर बनाने पर तुले हैं, वहीं सभी विद्यालय अपनी ओर से एक पहल करना चाहिए की अपने विद्यालय के बच्चों को सनातन संस्कृति के प्रति जागरूक करें और उन्हें अपने संस्कार से जोड़ने का प्रयत्न करें। हिन्दू धर्म रक्षक संगठन के द्वारा आज सभी विद्यालयों में उसके प्राचार्य से मिलकर उन्हें 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाने के लिए प्रेरित किया गया।  आप सभी धर्म रक्षकों से निवेदन है, कि आप सभी जहां भी रहते अपने आस पास के विधालय के संचालक से मिलकर तुलसी जी का पौधा वितरण करे...